राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार दो अप्रैल 2018 को आयोजित ‘भारत बंद’ के सिलसिले में दलित समुदाय के लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा करेगी. इन मामलों को वापस लिए जाने की बीएसपी प्रमुख मायावती की मांग पर गहलोत ने कहा कि यह मांग स्वाभाविक है और इसकी समीक्षा की जाएगी.
गहलोत ने कहा, ‘मायावती की मांग स्वाभाविक है। दलितों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और उनमें से कितने दोषी हैं यह जांच का मामला है. कई बार निर्दोषों के खिलाफ भी मामले हो जाते हैं. वह अपनी सोच में सही हो सकती हैं और सरकार इस पर विचार करते हुए मामलों की वरीयता के आधार पर समीक्षा करेगी.’ उन्होंने कहा, ‘निर्दोष नहीं फंसने चाहिए.’ गहलोत ने कहा कि देश, राज्य, जिला एवं गांव स्तर पर विधि का शासन होना चाहिए.
गौरतलब है कि बीएसपी प्रमुख मायावती ने सोमवार को कहा था कि अगर दो अप्रैल 2018 को हुए ‘भारत बंद’ के सिलसिले में ‘निर्दोष’ लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए तो उनकी पार्टी मध्य प्रदेश और राजस्थान की कांग्रेस सरकारों को बाहर से दिए जा रहे समर्थन पर ‘पुनर्विचार’ करेगी.