_उम्मीद अभी बाकी है मेरे दोस्त मिशन चंद्रयान
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संवाददाता- रफ़ीक़ उल्ला खान बहराइच। जनपद बहराइच में जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में तब्दील भले ही कर दिया गया हो लेकिन यहां की स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने के बजाए बदहाल होती जा रही है धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की लापरवाही तो देखिए कि महिला अस्पताल के गेट पर सड़क पर एक महिला […]
संवाददाता- रफ़ीक़ उल्ला खान
बहराइच। जनपद बहराइच में जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में तब्दील भले ही कर दिया गया हो लेकिन यहां की स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने के बजाए बदहाल होती जा रही है धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की लापरवाही तो देखिए कि महिला अस्पताल के गेट पर सड़क पर एक महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही लेकिन डॉक्टर और स्टाफ ने उसकी सुध तक लेना गवारा नही समझा और महिला ने वही सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया,सीएमएस की फटकार भी इन लापरवाह कर्मचारियों पर असर नही छोड़ती बच्चे का जन्म हो जाने बाद भी अस्पताल के भीतर से कोई भी महिला स्टाफ बाहर नही निकला दूसरे मरीज़ों के परिजन जब स्टाफ को बताने गए तो उनके हाथो में ही स्ट्रेचर थमा दिया गया और अंदर लाने की बात कही मामले को तूल पकड़ता देख अब मेडिकल कॉलेज क्व ज़िम्मेदार सीएमएस लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कह रहे है।
बीती रात लगभग 11 बजे महिला अस्पताल में प्रसव करवाने बशीरगंज मोहल्ले की रहने वाली शफीकुननिशा नाम की महिला पहुची,जैसे ही पीड़िता महिला अस्पताल के गेट पर पहुँची तभी उसको प्रसव पीड़ा होने लगी साथ मे मौजूद परिजन भाह कर अस्पताल स्टाफ को बुलाने गए तो स्टाफ ने आने से ये कहते हुए मना कर दिया कि अस्पताल।परिसर को बाहर हम नही जायेंगे मरीज़ को अंदर ले आओ प्रसव पीड़ा बढ़ती गई और महिला तड़पती गई लेकिन महिला नर्सों और डॉक्टरों का दिल नही पसीजा आसपास खड़े अन्य मरीज़ों के परिजनों ने मदद करते हुए चादरों की व्यवस्था की और इस तरह महिला ने अस्पताल गेट के सामने सड़क पर ही बच्चे की जन्म दिया.लापरवाही की हद तो तब हो गई जब अन्य मरीज़ों के कुछ परिजन दोबारा अस्पताल में बताने गए तो स्टाफ ने उन्ही को स्ट्रेचर थमाते हुए मरीज़ को अंदर ले आने को बात कहते हुए जाने से मना कर दिया जिसके बाद परिजन खुद ही पीड़िता को अस्पताल के अंदर ले गए।
मामले की सूचना सीएमएस डीके सिंह को हुई तो उन्होंने फोन पर महिला अस्पताल में तैनात स्टाफ को फटकार लगाते हुए कार्रवाई की बात कही है.सीएमएस ने माना कि स्टाफ में आने से मना कर दिया था.ये कोई पहला वाकिया नही है जब धरती के भगवान कहे जाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों डॉक्टरों नर्सों ने इंसानियत शर्मसार किया हो महिला अस्पताल में आये दिन इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती है लेकिन न तो लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई होती है और न ही उनकी हरकतों में कमी आती है अब ऐसे में कैसे योगी सरकार का सबको बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का सपना परवान चढ़ेगा और कैसे गरीबों को इलाज के लिए तड़पना नही पड़ेगा।