अलविदा सुषमा: आखिरी समय में भी कुलभूषण के लिए ये कर गई सुषमा स्वराज
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मऊ। आमतौर पर पुलिस की कार्यशैली को लेकर लोगों में नकारात्मक रवैया होता हैं, लेकिन मंगलवार को यातायात निरीक्षक के एक सकारात्मक कदम ने पुलिस को लेकर लोगों की सोच बदल दी. दरअसल मऊ जिले में वाहन चेकिंग के दौरान नाश्ते की दुकान पर दस वर्षीय बालक को चाय पिलाते देखकर उससे पढ़ाई की योग्यता […]
मऊ। आमतौर पर पुलिस की कार्यशैली को लेकर लोगों में नकारात्मक रवैया होता हैं, लेकिन मंगलवार को यातायात निरीक्षक के एक सकारात्मक कदम ने पुलिस को लेकर लोगों की सोच बदल दी.
दरअसल मऊ जिले में वाहन चेकिंग के दौरान नाश्ते की दुकान पर दस वर्षीय बालक को चाय पिलाते देखकर उससे पढ़ाई की योग्यता से प्रभावित होकर नगर के एक निजी स्कूल में कक्षा तीन में दाखिला दिलाया. स्कूल प्रबंधन ने भी निशुल्क प्रवेश करने का निर्णय लिया है.
टीएसआई श्रीप्रकाश शुक्ला ने बताया कि चाय देने के लिए दस वर्षीय मनोज चौहान आया तो उससे पढ़ाई के बारे में पूछा. मनोज ने बताया कि उसके पिता दूसरी शादी कर आजमगढ़ में रह रहे हैं. ऐसे में वो अपनी मां सुनीता चौहान के साथ अकेले रहता है. पेट पालने के लिए वह चाय की दुकान पर काम करने लगा.
टीएसआई ने पढ़ाई के बारे में पूछा तो माली हालत ठीक न होने पर न पढ़ने की बात बताई. जिस पर टीएसआई उसे लेकर नगर के दून वास्को स्कूल पहुंचे और कक्षा तीन में भर्ती कराया. उधर स्कूल के प्रबंधक देवेंद्र बहादुर राय ने इस नेक काम के लिए उसे निशुल्क शिक्षा देने की बात कही.