प्रयागराज। कभी डिप्लोमा इंजीनियरिंग के लिए प्रसिद्ध रहे तकनीकी संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल टेक्नोलॉजी (आइइआरटी) में समस्याओं का अंबार है. सोमवार को इसके विरोध में छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा. छात्र-छात्राएं कक्षाएं छोड़कर सड़क पर संस्थान प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. सूचना पर पहुंची कई थानों की फोर्स ने छात्र-छात्राओं को खदेड़ा. इसके बाद प्रशासनिक अफसरों ने पहुंचकर समस्याएं सुनीं और उन्हें आश्वासन देकर शांत कराया.
पुलिस ने खदेड़ा तो छात्र-छात्राओं ने की नारेबाजी
सोमवार को इन्हीं मांगों को पूरा कराने की मांग पर संस्थान के छात्र-छात्राएं सड़क पर उतर आए. सुबह नौ बजे से छात्रों ने संस्थान के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया. मामला बढ़ता देख संस्थान प्रबंधन ने फौरन पुलिस को सूचना दी. सूचना पर कई थानों की फोर्स के साथ एसीएम प्रथम, सीओ कर्नलगंज कई थानों की फोर्स के साथ पहुंचे. प्रशासनिक अफसर छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से समस्याएं सुन रहे थे तभी बाहर गेट के पास खड़े छात्र-छात्राओं पर पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग करते हुए उन्हें खदेड़ दिया. इससे नाराज छात्र दूसरे गेट पर पहुंचकर नारेबाजी करने लगे. बाद में लिखित रूप से आश्वासन दिया गया कि सात सितंबर के भीतर उनकी सारी समस्याएं दूर कर दी जाएंगी तो छात्रों का गुस्सा शांत हुआ और वह कक्षा में गए.
वर्कशॉप में प्रैक्टिकल के नाम पर उनसे परिसर में घास कटवाने का आरोप लगाया
आइइआरटी के छात्र-छात्राओं का आरोप है कि संस्थान के लैब में मैटेरियल की कमी है. इसके अलावा सभी मशीनों की हालत खस्ता हो चुकी है. छात्रों का आरोप है कि वर्कशॉप में प्रैक्टिकल के नाम पर उनसे परिसर में घास कटवाया जाता है और झाड़ू लगवाया जाता है. मेस में कुर्सी-मेज न होने से उन्हें फर्श पर बैठकर भोजन करना पड़ता है. संस्थान में बिजली गुल होने पर जेनरेटर होने के बावजूद नहीं चलाया जाता है. ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
शिकायत पर निदेशक द्वारा धमकाने का भी लगाया आरोप
छात्र-छात्राओं का कहना है कि जब मामले की शिकायत संस्थान के निदेशक डॉ. विमल मिश्र से की जाती है तो वह सेशनल नंबर में कटौती की धमकी देते हैं. इसके अलावा संस्थान का मुख्य गेट हमेशा बेवजह बंद रहता है. इसके लिए कई बाद संस्थान प्रबंधन को पत्र भी लिखा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
900 छात्राओं के बीच महज तीन शौचालय
संस्थान की छात्राओं ने बताया कि सभी बैच में यहां 900 छात्राएं अध्ययनरत हैं. छात्राओं को शौचालय के लिए काफी परेशानी होती है. छात्राओं ने बताया कि संस्थान में केवल तीन शौचालय है. उसमें भी गंदगी रहती है. कई बार प्रबंधन से सफाई के लिए प्रार्थनापत्र दिया गया. इसके बावजूद कोई सुनने को तैयार नहीं है.
सात सितंबर तक सारी समस्याएं दूर करा दी जाएंगी : आइईआरटी निदेशक
आइइआरटी के निदेशक डॉ. विमल मिश्र ने कहा कि संस्थान में वर्कशॉप के मैटेरियल के लिए ऑर्डर किया गया है. जल्द ही मैटेरियल आ जाएगा. इसके अलावा सफाई आदि व्यवस्थाएं जल्द दुरुस्त कराई जाएंगी. सात सितंबर तक सारी समस्याएं दूर करा दी जाएंगी.