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राम नवमी 2019: आज, दुर्गाष्टमी के साथ राम नवमी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि राम नवमी 2019: चैत्र नवरात्रि की नवमी को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह 13 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। अगस्त्य संहिता में हेमाद्रि, व्रत भाग […]
राम नवमी 2019: चैत्र नवरात्रि की नवमी को राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह 13 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। अगस्त्य संहिता में हेमाद्रि, व्रत भाग -१ के पृष्ठ ९ ४१ में आया है कि भगवान श्री राम का जन्म शुक्ल पक्ष के मध्याह्न में मध्याह्न यानि दोपहर में कर्क राशि में हुआ था। उस समय चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र में था और सूर्य सिंह राशि में था। इस दिन, राम जन्मोत्सव बहुत भव्य तरीके से मनाया जाता है। आज अयोध्या में राम जी के दर्शन पूजन का विशेष महत्व है।
रामनवमी का शुभ मुहूर्त
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, अष्टमी तिथि 13 अप्रैल को 11:42 से पहले समाप्त हो जाएगी, उसके बाद नवमी तिथि उपलब्ध होगी जो कि 14 अप्रैल की सुबह 9 बजे तक रहेगी। इस प्रकार, नौवीं तिथि दो दिनों तक रहेगी। और माधव कलानाराय के पृष्ठ २२ ९ से २३० पर आए हैं कि जब नवमी दो तिथियों में हो और महीने के मध्य में पहली तिथि के बीच में हो, तो नवमी का व्रत पहली तिथि को ही करना चाहिए। चूँकि 14 तारीख दोपहर की तिथि से पहले 9:36 बजे समाप्त हो जाएगी और 13 तारीख दोपहर नौ बजे होगी। इसलिए इस बार अष्टमी के दिन ही नवमी तिथि का व्रत भी किया जाएगा। (चैत्र नवरात्रि 2019: अष्टमी, रामनवमी और नवरात्रि के समापन की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है, तो जानिए किस दिन होगा व्रत)
रामनवमी पूजा विधि
रामनवमी के दिन, ब्रह्म मुहूर्त से उठकर, स्नान आदि करके भगवान राम का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजा की थाली में तुलसी के पत्ते और कमल के फूल रखें। रामलला की मूर्ति को माला और फूलों से सजाने के लिए झूले। इसके बाद रामनवमी पूजा हेजल की पूजा करें। इसके साथ ही रामायण पाठ और राम रक्षा स्त्रोत भी पढ़ें। भगवान राम को खीर, फल और अन्य प्रसाद चढ़ाएं। पूजा के बाद घर की सबसे छोटी बेटी के माथे पर तिलक लगाएं और श्री राम की आरती उतारें। (नवरात्रि कन्या पूजन: जानिए गर्भ में किस दिन पूजा करना शुभ होता है, साथ ही जानिए कन्या पूजन और पूजा का शुभ कार्य)