दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश के नोट पर विराजमान हैं गणपति जी…
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Report By: Ankit Kushwaha शुक्लागंज, उन्नाव। नारदानंद ऋषि आश्रम में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य पं. मनोज शुक्ला (मनु महाराज) ने कथा का बखान किया। जिसमें उन्हाेंने हरि के पावन चरित्रों का दिव्य वर्णन करते हुए बताया कि हरि व्यापक सर्वत्र समाना प्रेम से प्रकट होहिं मैं जाना श्री प्रभु प्रेमाधाीन होकर […]
शुक्लागंज, उन्नाव। नारदानंद ऋषि आश्रम में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य पं. मनोज शुक्ला (मनु महाराज) ने कथा का बखान किया। जिसमें उन्हाेंने हरि के पावन चरित्रों का दिव्य वर्णन करते हुए बताया कि हरि व्यापक सर्वत्र समाना प्रेम से प्रकट होहिं मैं जाना श्री प्रभु प्रेमाधाीन होकर प्रकट हो जाते हैं।
भक्तों के मनोरथ को पूर्ण करते हैं। उन्होंने कहा कि आदि शक्ति श्री हरि की शक्ति स्वरूपिणी श्री रूकमिणी के मनोहर विवाह का विसद वर्णन किया तथा श्री रूकमिणी स्वरूप विवाह की झांकी अलौकिक कराई गई। व्यास ने बताया कि राक्षसी प्रवृत्ति शिशुपाल, जरासंध आदि राजाओं को परास्त करते हुए श्री लक्ष्मी रूकमिणी जी जो श्री गौरी पूजन निमित्त आई थी। उन्हें रथारूढ़ करा कर मथुरा ले जा कर पाणिग्रहण संस्कार किया।
इस मौके पर सुरेश पाठक, राजनारायण मिश्रा, अतुल दीक्षित, रमाशंकर अवस्थी,प्रकाश त्रिपाठी,योगेश मिश्रा, प्रभाशंकर त्रिपाठी, छेदीलाल बाजपेई आदि तमाम भक्तगण मौजूद रहे