तालिबान के सामने क्यों घुटने टेकने को मजबूर अमेरिका
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उन्नाव: बेसिक शिक्षा विभाग के कमपोजिट ग्रांट में हुए भीषण घोटाले की परतें जब खुलना शुरू हुई तो जिले के मुखिया जिलाधिकारी महोदय के ऊपर निलंबन की गाज गिरी इसमें भी एक ही फर्म के नाम से पूरे जनपद मैं कंपोजिट ग्रांट में भीषण घोटाला उजागर हुआ इसी प्रकार से यदि शौचालय और स्ट्रीट लाइटों […]
उन्नाव: बेसिक शिक्षा विभाग के कमपोजिट ग्रांट में हुए भीषण घोटाले की परतें जब खुलना शुरू हुई तो जिले के मुखिया जिलाधिकारी महोदय के ऊपर निलंबन की गाज गिरी इसमें भी एक ही फर्म के नाम से पूरे जनपद मैं कंपोजिट ग्रांट में भीषण घोटाला उजागर हुआ इसी प्रकार से यदि शौचालय और स्ट्रीट लाइटों में जांच सेटअप हो जाए तो निश्चय ही उन्नाव जनपद के पुरवा हिलौली और असोहा में कुंडली मारकर बैठे डोंगल के डकैत जो ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारियों पर दबाव बनाकर मानक विहीन लाइट ग्राम सभाओं में लगवा कर मनमाना सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं।
दलाली की पराकाष्ठा को पार करते हुए पुरवा की धरती से स्ट्रीट लाइटों का जबरदस्त घोटाला निकल कर आया इसके बावजूद योगी सरकार की नजर में उन्नाव जनपद का स्ट्रीट घोटाला नजर नहीं आया मौजूदा विधायक ने तमाम भ्रष्टाचार की शिकायतें शासन को की लेकिन सत्ता के गलियारे में मजबूत पकड़ रखने वाले घोटालों का सम्राट विषधर जो ग्राम प्रधानों के ऊपर दबाव बनाकर स्ट्रीट लाइटों के डोंगल लगवाने का काम करता है ऐसे में ग्राम विकास अधिकारी गण कोई ट्रैक्टर की डील करता है तो कोई धन कीदुरभि संधि करता है।
देश दीपक गौड़ और विवेक जैसे ग्राम पंचायत अधिकारियों के मुंह में एक ही फर्म से स्ट्रीट लाइट के नाम से चेक काट कर सरकार के धन का दुरुपयोग लगातार कर रहे हैं और अपनी तिजोरीओं का वजन बढ़ा रहे हैं से ही ग्राम विकास अधिकारी कहीं न कहीं सरकारी योजनाओं में माठा डालने का काम कर रहे हैं जबकि बेसिक शिक्षा विभाग का कमपोजिट ग्रांट घोटाला यदि सबसे बड़ा पाया गया और उसमें कहीं न कहीं जिलाधिकारी उन्नाव की संलिप्तता उजागर हुई जिसके चलते उन पर निलंबन की कार्यवाही हुई। अगर स्ट्रीट लाइटों पर भी सरकार स्वयं संज्ञान लेकर जांच करा ले तो स्ट्रीट लाइटों में भी योगी सरकार को यह पता लगेगा कि उन्हीं के विभाग में उन्हीं के दल के लोग खुलेआम डोंगल की डकैती डालने में अमादा है