The Republic India नई दिल्ली, जेएनएन मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़े कदम उठाए हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के फैसले पर मुहर लगा दी है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। SST एक्ट पर मोदी सरकार के फैसले के बाद, उच्च जातियों में नाराजगी और हाल के विधानसभा चुनावों में तीन राज्यों की हार के बाद, इसे पिछड़ी जातियों को अपने पाले में लाने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। माना जा रहा है कि मंगलवार को मोदी सरकार संसद में संविधान संशोधन बिल पेश कर सकती है। बता दें कि मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन होता है।
राजनीतिक पंडितों के अनुसार, मोदी सरकार के फैसले ने राफेल सौदे और किसानों की कर्ज माफी जैसे मुद्दों को हटा दिया है। माना जा रहा है कि इस फैसले के दूरगामी राजनीतिक परिणाम देखने को मिलेंगे। कुछ अन्य जातियां भी लोकसभा चुनाव से पहले आरक्षण की मांग कर सकती हैं।
राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन बढ़ी
उच्च जातियों को पारित विधेयक को पारित करने के लिए राज्यसभा की कार्यवाही की अवधि एक दिन के लिए बढ़ा दी गई है। हालांकि, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, सदन की कार्यवाही मंगलवार को ही स्थगित होनी थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसे इस सत्र में इस बार पारित करने का प्रयास किया जाएगा। बिल को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसे उसी दिन पारित किए जाने की संभावना है। राज्यसभा के सभापति एम। वेंकैया नायडू ने सभी पक्षों द्वारा चर्चा की अवधि एक दिन के लिए बढ़ा दी है।
बता दें कि इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण दिया जाएगा। केंद्र सरकार का यह एक ऐतिहासिक फैसला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बता दें कि कई राज्य आम चुनावों के लिए आरक्षण की मांग करते रहे हैं। तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की हालिया हार के बाद इस फैसले का महत्व बढ़ जाता है।
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने इसे मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला बताया और कहा कि गरीब स्वर्ण समुदाय लंबे समय से इसकी मांग कर रहा था। पीएम मोदी ने उनकी मांग पर चलकर समाज को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। गौरतलब है कि केंद्र और राज्यों में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए 27 फीसदी आरक्षण और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 22 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था पहले से ही है।
इस तरह सरकार को आरक्षण
मोदी सरकार जल्द ही सवर्णों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करेगी। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में बदलाव किए जाएंगे। दोनों पैराग्राफ को बदलने से आर्थिक आधार पर आरक्षण को मंजूरी मिल जाएगी। बता दें कि पिछले साल जब सुप्रीम कोर्ट ने SC / ST एक्ट में बदलाव का आदेश दिया था, तब पूरे देश में दलितों ने काफी प्रदर्शन किया था। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया था। यह माना जाता था कि मोदी सरकार का निर्णय बहुत नाराज हो गया था, दलितों के बंद के बाद, सवर्णों ने भी भारत बंद का आह्वान किया।
क्या करता है अनुच्छेद 15
अनुच्छेद 15 संविधान में केवल धर्म, जातीय मूल, जाति, लिंग, जन्म स्थान या इनमें से किसी के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। आंशिक रूप से या पूरी तरह से सार्वजनिक निधि या राज्य कोष द्वारा संचालित सार्वजनिक रिसॉर्ट में मुफ्त प्रवेश के संबंध में, यह अधिकार राज्य के साथ-साथ निजी व्यक्तियों के लिए भी लागू करने योग्य है। हालांकि, राज्य ने महिलाओं और बच्चों या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सहित सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान करने से राज्य को नहीं रोका है। यह अपवाद इसलिए किया गया है क्योंकि इसमें वर्णित वर्गों के वर्गों को वंचित माना गया है और उन्हें विशेष सुरक्षा की आवश्यकता है।
ये अनुसूची 16 में प्रावधान हैं
अनुच्छेद 16 सार्वजनिक रोजगार के संबंध में अवसर की समानता की गारंटी देता है और राज्य को केवल धर्म, जाति, जाति, लिंग, जाति, जन्म स्थान या इनमें से किसी के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने से रोकता है। किसी भी पिछड़े वर्ग की सार्वजनिक सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए, उनकी लाभकारी कार्रवाई के उपायों के कार्यान्वयन के लिए अपवाद बनाए जाते हैं, साथ ही उस धर्म का पालन करने वाले व्यक्ति के लिए एक धार्मिक संस्था का एक पद आरक्षित किया जाता है। जाता है।
इन सवर्ण जातियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा
ये वो मानक हैं जिसके तहत मोदी सरकार को आरक्षण की सुविधा दी जाएगी।
1- वार्षिक आय 8 लाख से कम है
2-5 एकड़ जमीन पर खेती होती है।
3-1000 वर्ग फीट से कम का घर।
4- निगम की 109 गज से कम की ज़मीन अधिसूचित