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पठानकोट | पिछले कुछ समय से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है. इसी बीच पाकिस्तानी सीमा के करीब पठानकोट एयरबेस पर अमेरिका से मिले अधुनिक तकनीक वाले आठ अपाचे हेलिकॉप्टर तैनात हो गए हैं. तैनाती से पहले अपाचे हेलिकॉप्टर्स को वॉटर कैनन से सलामी दी गई. पठानकोट एयर बेस पर तैनाती से पहले […]
पठानकोट एयर बेस पर तैनाती से पहले एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल आर नांबियार ने अपाचे हेलिकॉप्टरों की पूजा की. बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ को चाबी सौंपी. इस एयरबेस पर अपाचे की तैनाती से भारतीय एयरफोर्स की ताकत और बढ़ जाएगी.
अपाचे हेलिकॉप्टरों की नवीनतम तकनीक
बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा कि यह भारतीय वायुसेना को 22 में से आठ अपाचे हेलिकॉप्टर मिल गए हैं. ये एएच -64 ई (Apache AH-64E) संस्करण है. इसे अमेरिकी सेना भी इस्तेमाल करती है. ये अपाचे हेलिकॉप्टरों की नवीनतम
#WATCH Punjab: The Apache chopper receives water cannon salute, before induction at the Pathankot Air Base. pic.twitter.com/YNT49rjr3B
— ANI (@ANI) 3 September 2019
तकनीक है.
अमेरिकी सेना भी करती है इस्तेमाल
भारतीय वायुसेना अमेरिका से मिल रहे 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों को पठानकोट और चीन बार्डर की सुरक्षा के लिए असम के जोरहट में तैनात करेगी. AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक है. इसका इस्तेमाल अमेरिकी सेना भी करती है। इससे वायुसेना के लड़ाकू क्षमता में बढ़ोतरी होगी.
विश्व का सबसे घातक हेलिकॉप्टर
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि यह विश्व का सबसे घातक हेलिकॉप्टर है. यह कई मिशन को पूरा करने का क्षमता रखता है. इसके तैनाती के साथ ही वायुसेना अटैक हेलिकॉप्टर्स के आधुनिक संस्करण से लैस हो गई है. ये हेलिकॉप्टर एमआई-35 हेलिकॉप्टर की जगह लेंगे. यह एक उन्नत बहु-मिशन हेलीकॉप्टर है जो दुनिया भर में कई देशों द्वारा संचालित किया जा रहा है.
2015 में हुआ था अनुबंध
सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ वायुसेना ने 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों की अनुबंध हुई थी. बोईंग ने 27 जुलाई को 22 हेलिकॉप्टरों में से पहले चार को वायुसेना को सौंप दिया गया था. इस सौदे के लगभग चार साल बाद हिंडन एयर बेस पर भारतीय वायुसेना के अपाचे हेलिकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी हुई थी. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने साल 2017 में सेना के लिए 4,168 करोड़ रुपये की लागत से बोइंग से छह अपाचे हेलिकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी.
पहली डिलीवरी तय समय से पहले
यह हेलिकॉप्टरों का पहला बेड़ा है. हेलिकॉप्टर पहली डिलीवरी तय समय से पहले हुई है. भारतीय वायुसेना साल 2020 तक 22 अपाचे हेलिकॉप्टर के बेड़े को संचालित करेगी. वायुसेना के लिए AH-64E अपाचे ने जुलाई 2018 में पहली सफल उड़ान पूरी की थी. वायुसेना के पहले बैच ने साल 2018 में अमेरिका में अपाचे को उड़ाने के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू किया था.
सटीकता के साथ घातक गोलाबारी करता यह हेलिकॉप्टर
वायुसेना के पीआरओ अनुपम बनर्जी ने कहा कि अपाचे हेलिकॉप्टर्स को वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल किया जा रहा है. अभी हमारे पास 8 विमान हैं. 22 विमान चरणबद्ध तरीके से आएंगे और उन सभी को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा. हमने पहले भी हेलिकॉप्टर से हमले किए हैं, लेकिन यह हेलिकॉप्टर बहुत सटीकता के साथ घातक गोलाबारी करता है.
भारत इसे इस्तेमाल करने वाला 14वां देश
अपाचे हेलिकॉप्टरों को भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है. बोइंग ने दुनिया भर में 2,200 से अधिक अपाचे हेलिकॉप्टर का सौदा किया है. भारत इसे इस्तेमाल करने वाला 14वां देश होगा.
पठानकोट पर तैनाती क्यों
पठानकोट एयरबेस रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. यह एयरबेस पाकिस्तानी सीमा से लगभग 150 किलोमिटर की दूरी पर है. वहीं दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 450 किलोमिटर है. यही नहीं 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस में घुसकर पाकिस्तान के 5 आतंकियों ने हमला किया था. उन्हें खत्म करने के लिए दिल्ली से एनएसजी कमांडो बुलाने पड़े थे। ऐसे में इन हेलिकॉप्टर्स की तैनाती से इस स्थिति में तुरंत बड़ा एक्शन लिया जा सकेगा.
ये है खूबी…